जानिए कुछ नफा नुकसान पारम्परिक इन्वेस्टमेंट प्लान के
जैसे की हम जानते है की Savings, FD, RD सबसे प्रचलित माध्यम है इन्वेस्टमेंट के. फिर चाहे वह नवजात शिशु के सुरक्षित भविष्य के लिए हो या हमारे बुरे समय या रिटायरमेंट के लिए, हमारे जेहन में सबसे पहले बचत का माध्यम आता है FD या सेविंग्स अकाउंट. पर यह कितना कारगर है आइए जानते है और यह भी समझते है की इन्हे कब इस्तेमाल किया जाए.
सबसे पहले यह जानना महत्वपूर्ण है की सेविंग्स और फड़ अकाउंट जैसे विकल्प घर मे रखे पैसे से बेहतर है. किसी अच्छे बैंक मैं अपने पैसे रखने से आपके पैसे न केवल सुरक्षित रहते है बल्कि उसपे आप ब्याज भी कमाते है.
FD के लाभ :
- तुलनात्मक रूप से सुरक्षित निवेश
- स्थिर और अनुमानित रिटर्न (उदाहरण 6% प्रति वर्ष)
- वरिष्ठ नागरिकों जैसे रूढ़िवादी निवेशकों के लिए उपयुक्त
FD की सीमाएं :
- कम नकदी (low liquidity)
- कम रिटर्न क्योंकि करों और मुद्रास्फीति को देखते हुए प्रभावी रिटर्न कम है
- लंबी अवधि के धन सृजन या 20 या 30 के दशक में युवा निवेशकों जैसे उच्च जोखिम वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं है
जैसे की हमने जाना है की Savings, RD, FD मुद्रास्फीति (inflation) को मात नहीं दे पाता है. इसके साथ साथ हमे यह भी जाना जरूरी है की सेविंग्स अकाउंट, FD या RD पर एक सीमा के बाद टैक्स भी काटता है. जिसके कारण कभी कभी हमे अपने जमा किए हुए धन से भी कम की राशि मिलती है
टीडीएस (TDS) का खेल
यदि ब्याज की राशि ₹40,000 से अधिक है तो बैंक आपके खाते में ब्याज जमा करते समय स्रोत पर कर (टीडीएस) काट लेते हैं। यह वरिष्ठ नागरिकों को छोड़कर सभी निवेशकों पर लागू होता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीमा ₹50,000 है।
श्री कुमार ने xyz बैंक में FD जमा किया है। जमा FD पर वार्षिक ब्याज होगा 34,000
रुपये । क्या बैंक को भुगतान किए जाने वाले ब्याज से स्रोत पर कर की कटौती करनी चाहिए?
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धारा 194ए के अनुसार, कोई कर नहीं काटा जाना है चाहिए यदि, ब्याज की कुल राशि
वित्तीय वर्ष अवधि के दौरान 40,000 रुपये से अधिक नहीं है । एक बार, ब्याज उपरोक्त राशि से अधिक हो जाता है तो, ब्याज की पूरी राशि पर कर काटा जाता है।
इस मामले में, वार्षिक ब्याज 40,000 रुपये से नीचे है इसलिए, बैंक से 34,000 रुपये के ब्याज पर कोई कर नहीं कटेगा ।
श्री कपूर (उम्र 54 वर्ष) ने abc बैंक में सावधि जमा किया है। वार्षिक जमा राशि पर ब्याज रु. 55,000. क्या बैंक को श्री कपूर को दिया जाने वाला ब्याज स्रोत पर कर की कटौती करनी चाहिए ? यदि हां, तो क्या उसे रुपये पर कर कटौती करनी चाहिए। 15,000 या 55,000 रुपये पर (अर्थात रु. 40,000 से अधिक पर)?
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धारा 194ए के अनुसार, कोई कर नहीं काटा जाना है चाहिए यदि, ब्याज की कुल राशि
वित्तीय वर्ष अवधि के दौरान 40,000 रुपये से अधिक नहीं है ।
एक बार, ब्याज उपरोक्त राशि से अधिक हो जाता है तो, ब्याज की पूरी राशि पर कर काटा जाता है।
इस मामले में वार्षिक ब्याज 40,000 रुपये से अधिक है इसलिए, बैंक को कुल ब्याज (total interest) पर कर में कटौती करनी होगी यानि 55,000 रुपया पर कटौती करनी होगी.
उपरोक्त उदाहरण का स्रोत :https://www.incometaxindia.gov.in/
जानिए आपकी आय स्लैब और फॉर्म 15G/H के साथ टीडीएस का संबंध
अगर आपकी साल भर की कुल आय ₹2.5 लाख से कम है, तो आप फॉर्म 15जी/15एच फाइल कर सकते हैं । इससे आपकी FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं लगता है, इसलिए बैंक TDS नहीं काटेगा ।
जानिए टीडीएस का पैन कार्ड (PAN Card) और एनआरओ (NRO) से संबंध
वित्त (नंबर 2) अधिनियम, 2009 द्वारा शुरू की गई धारा 206AA के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति जो आय प्राप्त करता है जिस पर टीडीएस (TDS) कटौती योग्य है, उसे अपना पैन (PAN) प्रस्तुत करना होगा, ऐसा न करने पर टीडीएस 20% की दर से काटा जाएगा ( 10% (7.5 के बजाय) घरेलू जमा के मामले में 14 मई 2020 से 31 मार्च 2021 तक) जो मौजूदा टीडीएस दर है) और एनआरओ जमा के मामले में 31.20 प्रतिशत।
एक वित्तीय नियोजन कोच होने के नाते मैं यह सुझाव दूंगी कि सावधि जमा का उपयोग अल्पकालिक लक्ष्यों के मामले में या आपातकालीन निधि के लिए किया जाए। चूंकि, यह मुद्रास्फीति को मात नहीं दे सकता है, इसका उपयोग दीर्घकालिक लक्ष्य के लिए नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए इक्विटी में निवेश करना बेहतर है। जो लोग आर्थिक दुनिया में नए हैं, उनके लिए SIP एक बेहतर विकल्प है l
आइए सावधि जमा और एसआईपी के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतरों को समझते हैं:
मापदंडों | सावधि जमा (FD) | व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) |
सर्वोत्तम निवेश विकल्प – निवेशक | केवल रूढ़िवादी निवेशक | आक्रामक और साथ ही रूढ़िवादी निवेशक |
निवेश का प्रकार | एकमुश्त (lump-sum) | किश्तों में |
लिक्विडिटी (liquidity) | उच्च | कम /मध्यम |
जोखिम | कम | उच्च |
रिटर्न | गारंटी | कोई गारंटी नहीं |
अगली बार जब आप निवेश करें तो अपने पास उपलब्ध सभी निवेश विकल्पों पर गहराई से विचार करें।
लेखिका ममता गोदियाल
कृपया ध्यान दें: निवेश की रणनीति एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति और एक लक्ष्य से दूसरे व्यक्ति में उनकी वित्तीय स्थितियों, उद्देश्यों और जोखिम सहनशीलता के आधार पर भिन्न हो सकती है। ये लेखक के अपने विचार हैं। पाठकों से अनुरोध है कि निवेश करने से पहले पूरी तरह से शोध करें क्योंकि निवेश मालिक के जोखिम के अधीन है।)